हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने खेती के लिए सिंचाई योजनाओं की समीक्षा बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रदेश में सूक्ष्म सिंचाई को बढ़ावा देने के लिए विशेष प्रयास किए जाएं। उन्होंने कहां की प्रदेशभर में टूटे हुए या कच्चे खालों को चरणबद्ध तरीके से पक्का किया जाएगा और किसानों को अमृत सरोवरों के माध्यम से स्प्रिंकलर सिंचाई पद्धति अपनाने के लिए जागरूक किया जाएगा।
कृषि क्लिनिक और कृषि व्यवसाय केंद्र योजना की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहां कि वर्मी कम्पोस्ट, मशरूम उत्पादन, मधुमक्खी पालन और शहद उत्पादन जैसी गतिविधियों को प्रभावी रूप से लागू किया जाए। राष्ट्रीय गोकुल मिशन के तहत गायों की नस्लों में सुधार के लिए चल रही योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन पर भी चर्चा हुई।
बैठक में जानकारी दी गई कि प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार ने साल 2024-25 के दौरान 26.50 करोड़ रुपए आवंटित किए हैं, जिसका लक्ष्य 25 हजार एकड़ भूमि को कवर करना है। अब तक 23,776 किसानों ने 39,423 एकड़ भूमि के लिए पंजीकरण कराया है। देसी गायों की खरीद के लिए 493 किसानों को 1.23 करोड़ रुपए की सब्सिडी दी गई है।
बैठक में यह भी बताया गया कि 2,500 किसानों को ड्रम खरीदने के लिए प्रत्यक्ष लाभ अंतरण के माध्यम से 75 लाख रुपए वितरित किए गए हैं। राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत 2.85 लाख एकड़ भूमि पर सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली लागू की गई है, जिससे किसानों को जल प्रबंधन में सहायता मिलेगी।
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