चावल, गेहूं और आटे की खुदरा कीमतों को नियंत्रित करने के लिए केंद्र सरकार की बाजार हस्तक्षेप की पहल के अंतर्गत गेहूं और चावल दोनों की साप्ताहिक ई-नीलामी की जाती है। हालिया नीलामी के दौरान खुले बाजार बिक्री योजना के तहत 3 लाख टन गेहूं और 1.79 लाख टन चावल की पेशकश की गई थी। जिसमें से 2.84 लाख टन गेहूं और 5830 टन चावल की बिक्री हो पाई। गौरतलब है कि खुले बाजार बिक्री योजना के तहत केंद्रीय भंडार/एनसीसीएफ/नैफिड जैसे अर्ध-सरकारी तथा सहकारी संगठनों को 2.5 लाख टन गेहूं आवंटित किया गया हैं।
आवंटित गेहूं को आटे में परिवर्तन किया जाएगा और इसे भारत आटा ब्रांड के अंतर्गत 27.50 प्रति किलोग्राम से कम एमआरपी पर उपभोक्ताओं को उपलब्ध कराया जाएगा। गेहूं और चावल भारतीय भोजन की मुख्य संघटक हैं और इनकी मांग बहुत अधिक होती है। यह योजना किसानों को उचित मूल्य प्राप्त करने में मदद करेगी और उन्हें अधिक आय का अवसर प्रदान करेगी। इसके अलावा, खुले बाजार बिक्री योजना के तहत उत्पादों की बिक्री को बढ़ाने से उत्पादकों को भी लाभ होगा।
यह योजना किसानों को उचित मूल्य प्राप्त करने के लिए उनके उत्पादों को सीधे उपभोक्ताओं तक पहुंचाने का प्रयास है। इससे किसानों को मध्यम और छोटे स्तर के व्यापारियों के बीच मध्यस्थता की जरूरत नहीं होगी, जिससे उन्हें अधिक मूल्य प्राप्ति होगी। खुले बाजार बिक्री योजना भारत सरकार के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। यह किसानों को आय का एक नया स्रोत प्रदान करेगी और उत्पादकों को अधिक बिक्री का मौका देगी। इससे कृषि उत्पादों की बिक्री में वृद्धि होगी और देश की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।
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