अक्टूबर-नवंबर में लगाए जाने वाले पपीता की खेती के प्रति आकर्षित हो रहे है किसान उन्हे लगता है की इसकी खेती में फायदे ही फायदे है लेकिन ऐसा नहीं है। यदि इसकी पूरी जानकारी के बगैर आपने अक्टूबर-नवंबर में पपीता की खेती शुरू कर दी फायदे की जगह नुकसान भी … [Read more...]
पपीता में लगने वाला पर्ण कुंचन विषाणु जनित रोग को कैसे करें प्रबंधन?
पपीते के पत्ते का कर्ल (पर्ण कुंचन) रोग बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि इसके परिणामस्वरूप संक्रमित पपीता के पौधे बहुत ज्यादा खराब हो जाते है एवं इसमे फल नहीं लगते हैं। इस प्रकार से रोगग्रस्त पौधे जल्दी नहीं मरते, कभी ठीक नहीं होते और यदि उन्हें खेत में … [Read more...]
कवकनाशी द्वारा पपीता का तना गलन या कॉलर रॉट रोग का प्रबंधन
गंभीर मामलों में या निवारक उपाय के रूप में, कॉलर रोट नियंत्रण के लिए पंजीकृत कवकनाशी लागू करें। अपने क्षेत्र के लिए सबसे उपयुक्त और प्रभावी कवकनाशी द्वारा पपीता तना गलन को निर्धारित करने के लिए स्थानीय कृषि अधिकारियों या विशेषज्ञों से परामर्श करें। … [Read more...]
पपीता का तना गलन या कॉलर रॉट रोग का प्रबंधन
पपीता का तना गलन एक महत्पूर्ण रोग है ,जो बरसात के मौसम में कुछ ज्यादा ही देखने को मिलता है। इस रोग के लिए एक से अधिक रोगकारक जिम्मेदार हो सकते है यथा पाइथियम अफेनिडर्मेटम, राईजोक्टोनिया सोलानी या फाईटोप्थोरा पाल्मीवोरा इत्यादि से फैलता है। तना गलन … [Read more...]
पपीता की फसल में जड़ एवं तनों के सड़ने की बीमारी को कैसे करें प्रबंधित?
पपीता एक बहुपयोगी फल है जो अत्यन्त स्वास्थ्यवर्धक होने के साथ-साथ औषधीय गुणों से परिपूर्ण होता है। पपीता की फसल के पौधे कम समय में फल धारण करते हैं। जल्द तैयार होने एवं प्रति इकाई क्षे़त्र से अधिक उपज मिलने के कारण इसकी लोकप्रियता बढती जा रही … [Read more...]