सिद्धार्थनगर, उत्तर प्रदेश के प्रधान जिला में धड़ल्ले से चल रहा है नकली खाद बनने की कारोबार वहां के कृषि अधिकारी के नेतृत्व में एक टीम ने तहसील पर छापेमारी की, छापेमारी की दौरान उन्होंने बड़े पैमाने पर नकली उर्वरक, नकली जिंक, जाइम, डीएपी और पोटाश के अवैध निर्माण गतिविधि का खुलासा किया। उन्होंने बताया यह कारोबार कोई नया मामला नहीं है यह कई सालों से चलता आ रहा है। इस मामले में, दुकानदारों द्वारा उचित नियमों का उल्लंघन करके नकली उर्वरकों का व्यापार किया जा रहा है।
जिससे किसानों को चूना लगाया जा रहा है। नकली खाद के इस्तेमाल से किसानों के फसलों पर गंभीर असर पड़ सकता है, लेकिन हैरानी की बात है कि कार्रवाई के बाद भी इस कारोबार पर लगाम नहीं लग पाई है। आपकी जानकारी के लिए बता दे पिछले साल 19 नवंबर में भी यहाँ से नकली खाद बरामद हुई थी। उस समय भी उपकरणों पर ब्रांडेड कंपनियों के नाम का प्रयोग किया जा रहा था। लेकिन इसके बावजूद इस व्यापार को रोकने में सफलता मिलना मुश्किल नजर आ रहा है।
बात करें वर्तमान में हुई छापेमारी की तो उसके दौरान 400 बोरी लक्ष्मी गोल्ड रिफाइंड और सूखा नमक, 15 क्विंटल लूज़ जाइम, 28 बोरी अमान्य जाइम, 80 बोरी सफेद पाउडर, 650 बाल्टी अवैध (सर्वशक्तिमान जाइम, शक्तिमान गोल्ड, पेनेशिया, ऊर्जा, न्यू पोटाश) जब्त किया गया है। इसके साथ और भी सामान पैकिंग मशीन भी पायी गयी है। इस मामले में, दुकानदारों द्वारा उचित नियमों का उल्लंघन करके नकली उर्वरकों का व्यापार किया जा रहा है।
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