देशभर की प्रमुख मंडियों में इस सप्ताह मक्का की कीमतों में गिरावट देखी गई। इसका मुख्य कारण रबी की नई फसल की बढ़ती आवक और इथेनॉल व पशु आहार उद्योग की कमजोर मांग है। पंजाब के खन्ना में मक्का की कीमत 10 रुपए घटकर 2,510 रुपए प्रति क्विंटल पर आ गई, जबकि निजामाबाद यानी तेलंगाना में 2,320 रुपए प्रति क्विंटल और दावणगेरे यानी कर्नाटक में 2,480 रुपए प्रति क्विंटल पर कारोबार हुआ।
मक्का की कीमतों में भले ही गिरावट आई हो, लेकिन मंडियों में कीमतें अभी भी रबी मक्का के लिए सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम समर्थन मूल्य 2,225 रुपए प्रति क्विंटल से ऊपर बनी हुई हैं। गुजरात में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद 1 मई से 15 जुलाई तक चलेगी, जिसके लिए किसानों को 1 अप्रैल से 30 अप्रैल के बीच ऑनलाइन पंजीकरण कराना होगा। पंजाब में सरकार 21 हजार हैक्टेयर क्षेत्र में धान से मक्का की खेती को बढ़ावा दे रही है, जिसके लिए 17,500 प्रति हैक्टेयर की सब्सिडी दी जा रही है।
साथ ही राज्य में 115 करोड़ के फंड के साथ फसल विविधीकरण को प्रोत्साहित किया जा रहा है, जिससे इथेनॉल उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा।बिहार, पश्चिम बंगाल, असम, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और कर्नाटक में मक्का की नई फसल की आवक जारी है। देश भर की मंडियों में पिछले साल की तुलना में इस बार मक्का की कुल आवक 46 प्रतिशत अधिक रही।
3 अप्रैल 2024 से 3 अप्रैल 2025 तक पूरे भारत में 100.34 लाख टन मक्का की आवक दर्ज की गई, जबकि पिछले साल यह 68.7 लाख टन थी। मक्का की मांग में गिरावट के पीछे इथेनॉल और चारा उद्योग की सुस्ती मुख्य कारण है। इथेनॉल की बिक्री कीमत 2,250 रुपए प्रति क्विंटल रहने से उत्पादन इकाइयों ने मक्का की खरीद कम कर दी है।
जिससे महीनेभर में कीमतों में 100 से 125 रुपए प्रति क्विंटल तक की गिरावट आई है। राजस्थान के भीलवाड़ा में नया इथेनॉल संयंत्र शुरू होने से स्थानीय मांग में बढ़ोतरी की उम्मीद है, जिससे भविष्य में कीमतें स्थिर हो सकती हैं। भारत के मक्का उत्पादन का 60 से 65 प्रतिशत उपभोग करने वाले पशु आहार क्षेत्र में भी कमजोर मांग देखी गई। इस साल की शुरुआत में मक्का की ऊंची कीमतों की वजह से पोल्ट्री और पशुधन उद्योग ने वैकल्पिक चारे की ओर रुख किया।
भारत का मक्का निर्यात 2023-24 में घटकर 14.4 लाख टन रह गया, जो पिछले साल 35 लाख टन था। कम निर्यात से घरेलू आपूर्ति बढ़ गई, जिससे कीमतों पर दबाव बना हुआ है। कृषि मंत्रालय के साल 2024-25 के लिए दूसरे अग्रिम फसल उत्पादन अनुमान के अनुसार मक्का का उत्पादन 372.4 लाख टन रहने की उम्मीद है, जो 2023-24 के 376.65 लाख टन से 1.2 प्रतिशत कम है।
मक्का बाजार में फिलहाल मंदी का दौर जारी है। मक्का की कीमतों पर मई 2025 तक दबाव बना रह सकता है, क्योंकि आवक बढ़ रही है और इथेनॉल व पशु आहार खरीदारों की मांग कमजोर बनी हुई है। रबी की आवक और कमजोर मांग से कीमतों में और गिरावट की संभावना है। लंबी अवधि में पंजाब और राजस्थान में इथेनॉल परियोजनाओं से मांग में किसान सतर्क रहें और उचित मूल्य मिलने पर अपनी फसल बेचने का निर्णय लें। अगर बाजार की कीमतें 2,400 रुपए प्रति क्विंटल के आसपास रहती हैं, तो किसानों को स्टॉक बेचने पर विचार करना चाहिए।
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