केंद्रीय कृषि मंत्रालय की ओर से दिए गए आंकड़ों के मुताबिक 15 मार्च तक जायद फसलों के बुआई का कुल रकबा 39.44 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया है। यह पिछले साल से 7.3 फीसदी ज्यादा है। आपको बता दें कि देश के कई राज्यों में कम बारिश के बावजूद जायद फसलों की बुआई में वृद्धि देखने को मिल रही है। कृषि मंत्रालय के आंकड़ों से पता चलता है कि धान, मक्का और मूंगफली के क्षेत्रफल में वृद्धि हुई है, जबकि सूरजमुखी, बाजार और रागी जैसी कुछ अन्य फसलों का रकबा पिछले साल से कम है।
आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक धान की बुआई का रकबा 8 प्रतिशत बढ़कर 27.08 लाख हेक्टेयर हो गया, जबकि मोटे अनाज का रकबा 9.1 प्रतिशत बढ़कर 4.19 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया। मोटे अनाजों में मक्के के तहत क्षेत्रफल 24.2 प्रतिशत बढ़कर 2.99 लाख हेक्टेयर हो गया है, जबकि ज्वार का रकबा लगभग दोगुना होकर 20 हजार हेक्टेयर पर है।
बाजरे का रकबा 23 प्रतिशत घटकर 97 हजार हेक्टेयर रह गया है। दालों का क्षेत्रफल 0.5 प्रतिशत बढ़कर 3.23 लाख हेक्टेयर पर है। तिलहन के तहत क्षेत्रफल 7.3 प्रतिशत बढ़कर 4.9 लाख हेक्टेयर हो गया है, जिसमें 2.7 लाख हेक्टेयर मुंगफली और 1.8 लाख हेक्टेयर तिल का क्षेत्र शामिल हैं। यह भी ध्यान रखा जाना चाहिए कि जायद फसलों की खेती से पर्यावरण पर भी काफी प्रभाव पड़ सकता है। इसलिए, किसानों को रासायनिक उर्वरकों और रासायनिक कीटनाशकों के उपयोग को दिन प्रति दिन कम करना चाहिए।
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