केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहां कि भारतीय कृषि अनुसंधान और कृषि तकनीकों को प्रयोगशालाओं से खेतों तक तेजी से पहुंचना होगा, जिससे किसानों को अधिकतम लाभ मिल सके। कृषि मंत्री चौहान भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के 63 वें दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहां की वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए कृषि मशीनरी, स्मार्ट खेती और उन्नत डिजिटल तकनीकों का तेजी से विस्तार जरूरी है।
चौहान ने बताया कि भारत की कृषि विकास दर फिलहाल 5 प्रतिशत है और इसका श्रेय किसानों तथा आईएआरआई जैसे संस्थानों के संयुक्त प्रयासों को जाता है, जिसके कारण देश में पर्याप्त खाद्य भंडार उपलब्ध हैं। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि छोटे और सीमांत किसानों की आय बढ़ाने के लिए कृषि में नवाचार बेहद जरूरी है। मंत्री ने टिकाऊ कृषि, जलवायु लचीली खेती और जैविक एवं प्राकृतिक कृषि पद्धतियों को अपनाने पर बल दिया।
उन्होंने कहां की जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को कम करने और कृषि उत्पादन को स्थिर बनाए रखने के लिए स्मार्ट खेती और नई तकनीकों का उपयोग किया जाना चाहिए। कृषि मंत्री ने युवा वैज्ञानिकों और छात्रों से अपील किए है कि वे अनुसंधान, नवाचार, उद्यमिता और स्टार्टअप के माध्यम से कृषि क्षेत्र की चुनौतियों का समाधान निकालें। उन्होंने कहां की नई तकनीक और शोध को व्यावहारिक रूप से किसानों तक पहुंचाना ही असली बदलाव लाएगा।
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