पंजाब में गेहूं की सरकारी खरीद अपने अंतिम चरण में है, लेकिन मंडियों में पड़ा लाखों तन अनाज अनदेखी और लापरवाही की भेंट चढ़ने को तैयार है। टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, राज्य की मंडियों में इस समय 55 लाख टन से ज्यादा बिना उठाया गया गेहूं बारिश की मार से खराब होने के खतरे में है, जिससे राज्य की खरीद एवं भंडारण व्यवस्था की गंभीर कमजोरियां उजागर हो गई हैं।
आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक 4 मई तक 122.83 लाख टन गेहूं मंडियों में पहुंच चुका है, जिसमें से 121.48 लाख टन खरीदा जा चुका है। सरकारी एजेंसियों ने 111.76 लाख टन और निजी व्यापारियों ने 9.71 लाख टन गेहूं खरीदा है। लेकिन चिंता की बात यह है कि खरीदे गए अनाज में से मात्र 67.51 लाख टन ही भंडारण तक पहुंच सका है।
किसान और आढ़ती चिंता में हैं कि अनाज यदि समय पर नहीं उठाया गया तो बेमौसम बारिश के चलते वह भीगकर खराब हो सकता है। मंडियों में अभी भी 1.34 लाख टन गेहूं बिकने के इंतजार में पड़ा है, जबकि बिना उठाए गए और बिके अनाज की कुल मात्रा 55 लाख टन से ज्यादा है। वैज्ञानिक भंडारण सुविधाओं की भारी कमी ने इस चिंता को और बढ़ा दिया है।
इस साल गेहूं की कुल खरीद पिछले साल के आंकड़ों से थोड़ी ज्यादा रही है। लेकिन उठान में धीमापन पूरी प्रक्रिया को सवालों के घेरे में खड़ा कर रहा है। किसान संगठनों और कमीशन एजेंटों ने अधिकारियों से तत्काल हस्तक्षेप कर उठान की गति तेज करने और अनाज की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की है।
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