भारत के चंदन की दुनियाभर में काफी ज्यादा मांग है। चंदन की जैविक खेती के साथ एक खास बात यह है कि अगर इसके पौधे को ठीक से तैयार किया जाए तो चंदन की लकड़ी सबसे महंगी लकड़ी बिकती है। इसकी एक किलोग्राम लकड़ी 25 से 30 हजार में बिकती है जबकि इसके एक पेड़ ही आपको 6 से 7 लाख तक की आमदनी दे सकता है।
चंदन का पेड़ लगाने के लिए परमिशन कैसे ले?
चंदन की जैविक खेती करने वाले किसान चंदन वाले ने बताया कि 2017 से पहले ऐसा नियम था की चंदन की खेती करने से पहले सरकार से परमिशन लेनी पड़ती थी। पर अब ऐसा नहीं है। चंदन की खेती से अब पटवारी को इसकी जानकारी देनी होती है, साथ ही डीएफओ को एक आवेदन देना पड़ता है।
चन्दन की जैविक खेती के लिए उपयुक्त मिट्टी
चंदन की जैविक खेती के लिए लाल बलुई चिकनी दोमट मिट्टी की आवश्यकता होती है। इसकी खेती के लिए उचित जल निकासी वाली भूमि की आवश्यकता होती है, तथा भूमि का P.H. मान 7 से 8.5 के मध्य होना चाहिए।
चन्दन की जैविक खेती के लिए उपयुक्त जलवायु और तापमान
चंदन का पौधा शुष्क जलवायु वाला होता है, इसलिए इसके पौधों को अधिक सर्द जलवायु की आवश्यकता नहीं होती है। चंदन के पौधों को अधिक 35 डिग्री तथा न्यूनतम 15 डिग्री तापमान की आवश्यकता होती है।
चंदन की जैविक खेती के लिए उन्नत किस्में
लाल चन्दन: इस किस्म की चंदन को रक्त चंदन के नाम से भी जाना जाता है। इस किस्म के चंदन मुख्य रूप से आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु राज्यों में पाई जाती है, जिसे इत्र, दवाई, हवन सामग्री और महंगी सजावट की चीजों को बनाने के लिए इस्तेमाल में लाते है।
सफ़ेद चन्दन: इस किस्म की चंदन की लकड़ी का रंग सफ़ेद होता है, इसे मुख्य रूप से व्यापारिक इस्तेमाल के लिए उगाया जाता है। सफ़ेद चंदन की लकड़ी अधिक खुशबु वाली होती है, जिस वजह से सफ़ेद चंदन की कीमत लाल चंदन की अपेक्षा काफी ज्यादा होती है।
चंदन के पेड़ तैयार होने में कितना समय लगता
चंदन के पौधे को पेड़ बनने में 12 से 15 साल का समय लगता है। 12 साल में इसका वजन 15 किलो आता है, जबकि 15 साल होते तक इसका वजन 20 किलो हो जाता है। अगर आप भी अपने खेत में चंदन की जैविक खेती करना चाहते हैं तो आपको यह पता होना चाहिए कि आपको सफेद चंदन का एक पेड़ 15 साल बाद ₹700000 में बिक सकता है।
क्या है चंदन के एक पौधे की कीमत
चंदन का एक पौधा किसानों को 200 रुपये से 400 रुपये तक में मिल जाएगा। इसकी कीमत पेड़ की संख्या पर भी निर्भर करती है। इसके अलावा इसके साथ लगने वाले होस्ट के पौधे की कीमत लगभग 50 से 60 रुपये होती है।
जैविक खाद और का उचित मात्रा में उर्वरक का प्रयोग
बारिश के शुरुआती मौसम में 10 किलोग्राम 12 माह पुरानी सड़ी व भुरभुरी एवं थोड़ी नमी वाली गोबर की खाद या वर्मी कंपोस्ट में एक किलोग्राम जी-सी पावर, एक किलोग्राम जी प्रोम एडवांस, 10 मिली जी बायो फॉस्फेट एडवांस को अच्छी तरह मिलाकर प्रति पौधे के गढ़े में 5 किलोग्राम डालें फिर पौधे को उपचारित कर गढ़े में लगाएं। पौधे उपचार करने के लिए 250 लीटर पानी में 250 मिली जी बायो फॉस्फेट को मिला कर पौधे के जड़ों को 15 से 20 मिनट तक डुबो कर रखे फिर गढ़े में बुवाई करें।
फिर बरसात के मौसम के बाद थाला बनाकर आवश्यकतानुसार सिंचाई करें। इसके लिए आपको 10 किलोग्राम जी-सी पावर, 10 किलोग्राम जी प्रोम एडवांस, 500 मिली जी बायो फॉस्फेट एडवांस को मिलाकर कर प्रति पौधे के थाले में 200 से 250 ग्राम छिड़काव करें। ध्यान रहे शुरू में इसकी जैविक खेती प्रति एकड़ खेत से शुरू कर सकते हैं। या इससे कम एक बीघा से भी कर सकते हैं।
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