गेहूं की अधिक पैदावार प्राप्त करने के लिए गेहूं की फसल को समय-समय पर कुछ काम की आवश्यकता होती है। यदि आप गेहूं की खेती कर रहे हैं और आपकी गेहूं की फसल 40 से 45 दिन की हो गई है तो रोग एवं किट से फसल को बचाने के लिए निम्न कार्य करें। इससे आप गेहूं की उच्च गुणवत्ता वाली फसल भी प्राप्त कर सकते हैं।
गेहूं की दूसरी सिंचाई 40 से 45 दिन पर: इस समय गेहूं की फसल में कल्ले निकलने लगते हैं। यह समय गेहूं की दूसरी सिंचाई के लिए उपयुक्त है।
नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटेशियम का छिड़काव: दूसरी सिंचाई के समय गेहूं के खेत में नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटेशियम का छिड़काव करें 4:3:1 के अनुपात में। इसके लिए आप 100 से 150 किलोग्राम 12 माह पुरानी सड़ी हुई गोबर की खाद या वर्मी कंपोस्ट में 10 किलोग्राम जी-सी पावर, 10 किलोग्राम जी-प्रोम एडवांस, 500 मिली जी-बायो फॉस्फेट एडवांस को किसी छायादार स्थान पर मिलाकर 30 मिनट तक हवा लगने के बाद प्रति एकड़ खेत में संध्या के समय छिड़काव कर चिंचाई करें।
इससे गेहूं के पौधों को नाइट्रोजन, फास्फोरस एवं पोटेशियम की आपूर्ति होती है। जो पौधों की वृद्धि के लिए नाइट्रोजन, फास्फोरस एवं पोटेशियम का छिड़काव आवश्यक है। इसके साथ ही यह पौधों को हरा रंग देता है और दाने बनने में मदद करता है।
खरपतवार नियंत्रण: खरपतवारों की अधिकता के कारण गेहूं की उपज 30 से 40 प्रतिशत तक कम हो सकती है। इसलिए खेत में खरपतवार नियंत्रण के लिए निराई-गुड़ाई करें। या किसी खरपतवार नाशक का छिड़काव करें।
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