उत्तर प्रदेश सरकार ने कृषि उत्पादन को नई ऊंचाइयां देने के लिए कमर कस ली है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कृषि विभाग को प्रदेश के विभिन्न कृषि जलवायु क्षेत्रों के अनुरूप उन्नत बीजों के विकास और प्रमाणीकरण का स्पष्ट निर्देश दिया है। इस पहल का मुख्य उद्देश्य राज्य में खाद्यान्न उत्पादन को और अधिक बढ़ावा देना है।
हाल ही में हुई एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने जोर देते हुए कहां कि समय की आवश्यकता है कि शीघ्र और विलंबित बुआई मौसमों के लिए अलग-अलग किस्मों के बीज तैयार किए जाएं। इतना ही नहीं, उन्होंने यह भी सुनिश्चित करने का आदेश दिया कि ये ऊंच गुणवत्ता वाले बीज किसानों को रियायती दरों पर आसानी से उपलब्ध हो, ताकि वे इनका लाभ उठा सकें और कृषि क्षेत्र में समृद्धि ला सकें।
योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ में प्रस्तावित चौधरी चरण सिंह बीज पार्क के महत्व को रेखांकित करते हुए इसे जल्द से जल्द पूरा करने का आवाह्न किया। उन्होंने इस महत्वकांक्षी परियोजना को बीज उत्पादन के क्षेत्र में एक क्रांतिकारी कदम और आधारशिला बताया, जिससे प्रदेश में बीज क्रांति का सूत्रपात होगा।
उन्होंने कहां की राज्य के पास देश की कुल खेती योग भूमि मात्र 11.41 प्रतिशत हिस्सा है, लेकिन इसके बावजूद यूपी 20.89 प्रतिशत खाद्यान्न उत्पादन में योगदान दे रहा है, जो एक उपलब्धि है। मुख्यमंत्री ने बताया कि साल 2016-17 में जहां राज्य का खाद्यान्न उत्पादन 557.46 लाख टन था, वही 2024-25 में यह बढ़कर 725.12 लाख टन हो चुका है। इस अवधि में दलहन और तिलहन उत्पादन भी दोगुने से अधिक हो गया है।
सीएम योगी ने यूपी बीज विकास निगम से किसानों से सीधा खरीद बढ़ाने और प्रमाणित व प्रसंस्कृत बीजों की व्यापक उपलब्धता सुनिश्चित करने का आग्रह किया। उन्होंने कृषि अनुसंधान परिषद जैसे संस्थानों से सहयोग कर तकनीक आधारित कृषि नवाचारों को तेज करने की भी जरूरत जताई। मुख्यमंत्री ने राज्य के ब्रांडेड चावल की खरीद और प्रचार को मजबूत करने के साथ साथ जैविक उपज के लिए प्रभावी प्रमाणन प्रणाली स्थापित करने का भी निर्देश दिया।
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