संत कबीर नगर, उत्तर प्रदेश के ज़िले में नकली खाद की बिक्री के आरोप में पुलिस ने साधन सहकारी समिति के सचिव के खिलाफ मामला दर्ज किया है। यह कार्रवाई जिला कृषि पदाधिकारी की रिपोर्ट पर शुरू की गई थी जिसके बाद अब पुलिस मामले की जांच कर रही है। जिला कृषि अधिकारी ने बताया कि मौजूद किसानों ने फोन कर बताया कि सचिव ने उन्हें नकली खाद बेची है। इसके बाद सहायक आयुक्त निबंधक ने स्थानीय कर्मचारियों के साथ मामले की जांच की।
जांच में डीएपी की क्षमता संदिग्ध पाई गई, जिसके बाद किसानों से बातचीत की गई और उनसे लिया गया नमूना सीलबंद कर समिति को भेज दिया गया। जिला कृषि अधिकारी ने बताया कि सचिव द्वारा बेची गई डीएपी पीओएस मशीन से नहीं बेची गई और न ही इसकी कोई रसीद दी गई। उन्होंने स्पष्ट किया कि हाथ पर रगड़ने पर वहां खाद थी, जिसका उपयोग नकली डीएपी की पहचान करने में किया जाता है। इस मामले में कोतवाली पुलिस ने सचिव के खिलाफ आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है।
यह मामला एक सकारात्मक पहल है। इससे अन्य खाद विक्रेताओं को भी एक संदेश जाएगा कि नकली खाद की बिक्री और नियमों का उल्लंघन करना गैरकानूनी है। इसके लिए उन्हें कड़ी सजा भुगतना पड़ सकता है। खाद एक महत्वपूर्ण कृषि उत्पाद है। यह फसलों को पोषक तत्व प्रदान करती है और उनकी पैदावार बढ़ाती है। नकली खाद का उपयोग करने से फसलों को नुकसान पहुंच सकता है और किसानों को आर्थिक नुकसान हो सकता है। इसलिए, यह जरूरी है कि खाद खरीदते समय इस बात का ध्यान रखा जाए कि वह नकली न हो।
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