केंद्रीय जल आयोग के साप्ताहिक बुलेटिन में बताया गया है कि देश भर के प्रमुख जलाशयों में जल स्तर उनकी क्षमता के 70 प्रतिशत से नीचे गिर गया है। कृषि क्षेत्र की दृष्टि से देखा जाए तो यह एक बेहद चिंताजनक स्थिति हैं। फिलहाल देश भर के जलाशयों में 124.124 बिलियन क्यूबिक मीटर जल का भंडारण है, जो उनकी क्षमता के लाभग 69 प्रतिशत है। जल स्तर का यह आंकड़ा पिछले वर्ष और पिछले 10 सालों के औसत से उल्लेखनीय रूप से कम है।
अगस्त महीने के दौरान 32 प्रतिशत कम बारिश और मानसून के बाद की वर्षा में कमी जल स्तर में गिरावट के प्रमुख कारण है। मौसम विज्ञान के मुताबिक देश के 64 प्रतिश्त जिलों में कम वर्षा दर्ज की गई है। इसके चलते रबी फसलों के विशेषकर गेहूं, चावल, सरसों और चने के उत्पादन पर असर पड़ सकता है। देश के जिन 14 राज्यों में जल स्तर सामान्य से नीचे आ गया है, उन में से आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक और उत्तर प्रदेश में स्थिति सबसे खराब है। देश में जुगरात अकेला ऐसा राज्य है।
जहां जल स्तर सामान्य से 31 प्रतिशत अधिक है। उत्तरी क्षेत्र में किसी भी जलाशय का जल स्तर 50 प्रतिशत से नीचे नहीं है, हालांकि उन क्षेत्रों में जल स्तर भंडारण के 76 प्रतिशत तक नीचे आ गया है। जलाशयों में जल स्तर कम होने से रबी फसलों पर भी प्रभाव पड़ सकता है। रबी फसलों की सिंचाई के लिए जलाशयों का पानी उपयोग किया जाता है। जलाशयों में जल स्तर कम होने से रबी फसलों को पर्याप्त पानी नहीं मिल सकता है, जिससे फसलों की पैदावार प्रभावित हो सकती है।
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