हाल ही में हुई बारिश के बाद देश के सात राज्यों के जलाशयों के जल भंडारण में कुछ सुधार देखने को मिला है। हालांकि, भारत के प्रमुख 150 जलाशयों में जल स्तर अभी 10 साल के औसत के नीचे बना हुआ है। केंद्रीय जल आयोग के नवीनतम बुलेटिंग से मिली जानकारी के अनुसार 40 जलाशयों में पानी के भंडारण का स्तर उनकी क्षमता के 50 प्रतिशत से कम था, जिनमें से 16 में यह सामान्य से काफी कम है। 30 नवंबर तक देश के बड़े जलाशयों में 116.571 बिलियन क्यूबिक मीटर पानी था।
जो इन जलाशयों की कुल भंडारण क्षमता 178.784 बिलियन क्यूबिक मीटर का 65 फीसदी है। यह स्तर पिछले साल और दस साल के औसत दोनों से नीचे बना हुआ है। फिलहाल देश में पूर्वोत्तर मानसून सक्रिय है और बंगाल की खाड़ी में एक चक्रवाती तूफान विकसित हुआ है। इसके चलते होने वाली बारिश से आने वाले दिनों में जल स्तर में वृद्धि की उम्मीद बनी हुई है।
इस बारिश से मिट्टी की नमी बढ़ने की उम्मीद है, जिससे रबी फसल की बुवाई में मदद मिलेगी, जो वर्तमान में 5 प्रतिशत घटकर 350 लाख हेक्टेयर रह गई है। जल स्तर में सुधार के लिए देश में वर्षा का स्तर बढ़ाने के उपाय किए जाने की जरूरत है। इसके लिए जंगलों की कटाई को रोकने, जल संरक्षण के उपाय करने और जलवायु परिवर्तन से निपटने के उपाय करने की जरूरत है।
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