केंद्र सरकार ने नई देशव्यापी केंद्रीय क्षेत्र योजना कृषि अवसंरचना कोष को अपनी मंजूरी प्रदान की हैं। यह योजना ब्याज अनुदान और वित्तीय सहायता के माध्यम से फसल के बाद बुनियादी ढांचा प्रबंधन और सामुदायिक कृषि परिसंपत्तियों के लिए व्यवहार्य परियोजनाओं में निवेश के लिए मध्यम लंबी अवधि के ऋण वित्तपोषण की सुविधा प्रदान करेंगी।
इस योजना के अंतर्गत बैंकों और वित्तीय संस्थानों के द्वारा एक लाख करोड़ रुपए ऋण के रूप में प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (पी.ए.सी), विपणन सहकारी समितियों, किसान उत्पादक संगठनों ( एफ.पी.ओ), स्वयं सहायता समूहों ( एस.एच.जी), किसानों, संयुक्त देयता समूहों (जे.एल.सी), बहुउद्देशीय सहकारी समितियों, कृषि उद्यमियों, स्टार्टअपों, संग्रहित अवसंरचना प्रदाताओं और केंदीय/राज्य एजेंसियों या स्थानीय निकायों द्वारा प्रायोजित सार्वजनिक निजी भागीदारी परियोजनों को उपलब्ध कराई जाएगी।
इस ऋण का वितरण चार वर्षों में पूरा किया जाएगा। चालू वित्तीय वर्ष में 10 हजार करोड़ रुपए और अगले तीन वित्तीय वर्षों में 30 हजार करोड़ रुपए क्रमशः की मंजूरी प्रदान की गई है। इस वित्तीपोषण सुविधा के अंतर्गत सभी प्रकार के ऋणों में प्रति वर्ष 2 करोड़ रुपए की सीमा तक ब्याज में 3 प्रतिशत की छूट प्रदान की जाएगी। यह छूट अधिकतम 7 वर्षों के लिए उपलब्ध होगी।
इसके अलावा 2 करोड़ रुपए तक के ऋण के लिए क्रेडिट गारंटी फंड ट्रस्ट फॉर माइक्रो एंड स्मॉल एंटरप्राइजेज (सी.जी.टी.एम.एस.ई) योजना के अंतर्गत इस वित्तपोषण सुविधा के माध्यम से पात्र उदाहरकर्ताओं के लिए क्रेडिट गारंटी कवरेज भी उपलब्ध होगा। कवरेज के लिए सरकार द्वारा शुक्ल का भुगतान किया जाएगा। एफ.पी.ओ के मामले में कृषि सहकारिता एवं किसान कल्याण विभाग (डी.ए.सी.एफ.डब्ल्यू) के एफपीओ संवर्धन योजना के अंतर्गत बनाई गई इस सुविधा से क्रेडिट गारंटी का लाभ प्राप्त किया जा सकता है।
कृषि अवसंरचना कोष का प्रबंधन और निगरानी ऑनलाइन प्रबंधन सूचना प्रणाली (एम.ओ.ई.एस) प्लेटफॉर्म के माध्यम से की जाएगी। यह सभी योग्य संस्थाओं को फंड के अंतर्गत ऋण लेने के लिए आवेदन करने का पात्र बनाएगा।
यह ऑनलाइन फैक्टफॉर्म कई बैंकों द्वारा दी जाने वाली ब्याज दरों में पारदर्शिता, ब्याज अनुदान और क्रेडिट गारंटी सहित योजना विवरण, न्यूनतम दस्तावेज, अनुमोदन की तीव्र प्रक्रिया के साथ-साथ अन्य योजना लाभों के साथ एकीकरण जैसे लाभ भी प्रदान करेगा। ध्यान रहे इस योजना की समय सीमा वित्तीय वर्ष 2020 से 2029 तक है।
स्रोत: भारत सरकार सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की आधिकारिक वेबसाइट।
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