नमस्कार किसान भाइयों, हमारे एक किसान भाई का द्वारा पूछा गया की 30 से 35 दिन के आलू की फसल पर कौन सा कार्य करें जिससे आलू की फसल में कोई किट एवं रोग ना लगें। तो आइए जानते है कृषि जागृति के इस पोस्ट में 30 से 35 दिन के आलू की फसल में कौन सा कार्य करें जिससे कोई बीमारी ना लगें और फसल स्वस्थ रहें। आलू की खेती किसानों के लिए बहुत ही पसंदीदा फसल है और इसकी मांग बाजार में हमेशा रहती है। यू कहे तो आलू के बिना कोई भी सब्जी को बनाने बहुत मुस्किल रहता हैं।
इसलिए आलू की खेती बड़ी सवधानी से करनी चाहिए क्योंकि इसमें कई तरह के किट एवं रोग लगने की संभावना रहती हैं। अगर एक बार इसके फसल पर रोग लग जाए तो नियंत्रण करना नामुमकिन सा रहता है, और ऊपर से हमारे किसान भाई रासायनिक कीटनाशकों का छिड़काव कर देते हैं। अगर आप आलू की खेती कर रहे है तो आपको इन दो चरणों का पालन करना होगा।
पहला की आप अपनी मिट्टी को उपचारित करें। दूसरा आलू के बीजों को उपचारित करें किसी जैविक कीटनाशक से, फिर बुवाई करें। ऐसा करने से मिट्टी जनित व बीज जनित फफूंद नष्ट हो जाते हैं। जिससे फसल में रोग लगने की संभावना कम हो जाती हैं। इसके बाद भी अगर फसल पर कोई लक्षण दिखाई दे तो कोशिश करे की इसे शुरुआती चरण में ही उपचार करें नहीं तो बीमारी उन्नत होने पर और भी परेशानी बढ़ती जाती हैं।
लेकिन 30 से 35 दिन के आलू की फसल पर 100 से 150 किलोग्राम 12 माह पुरानी सड़ी हुई गोबर की खाद या वर्मी कंपोस्ट के साथ 10 किलोग्राम जी-प्रोम एडवांस के साथ 500 मिली जी-बायो फॉस्फेट एडवांस को आपस में अच्छी तरह मिलाकर 30 मिनट तक किसी छायादार स्थान पर सुखा कर प्रति एकड़ खेत में छिड़काव करें। ध्यान रहे छिड़काव का कार्य सुबह या संध्या के समय करें फिर सिंचाई करें।
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