सूरजमुखी की जैविक खेती कैसे करें: सूरजमुखी की खेती मुख्य रूप से तिलहनी फसलों में की जाती है। इसकी खेती रबी, खरीफ और जायद सभी मौसमों में की जा सकती है। लेकिन सूरजमुखी की खेती से बेहतर उत्पादन पाने के लिए जायद के मौसम में इसकी जैविक खेती करनी चाहिए। जब खरीफ मौसम में खेती की जाती है तो फसल में विभिन्न कीटों का प्रकोप अधिक होता है। जिसका सीधा असर पैदावार और गुणवत्ता पर पड़ता है। तो आइए कृषि जागृति के इस पोस्ट में जानते है सूरजमुखी की जैविक खेती के लिए उपयुक्त समय, मिट्टी और जलवायु के बारे में विस्तार से।
सूरजमुखी की जैविक बुआई का उपयुक्त समय
जायद ऋतु में खेती के लिए इसकी जैविक बुवाई जनवरी माह से फरवरी के प्रथम सप्ताह तक करनी चाहिए। खरीफ मौसम में खेती के लिए इसकी जैविक बुआई फरवरी से मार्च माह में करनी चाहिए। रबी मौसम में खेती के लिए इसकी जैविक बुआई अक्टूबर से नवंबर माह में करनी चाहिए।
सूरजमुखी के जैविक खेती के लिए उपयुक्त मिट्टी और जलवायु
इसकी फसल पकने के समय शुष्क जलवायु की आवश्यकता होती है। इसकी खेती लगभग सभी प्रकार की मिट्टी में की जा सकती है, अच्छी फसल पाने के लिए भारी मिट्टी और दोमट मिट्टी में इसकी खेती करें। ज्यादा अम्लीय और क्षारीय मिट्टी में इसकी खेती करने से बचें। ध्यान रहे जल धारण क्षमता मिट्टी का स्तर ऊंचा होना चाहिए। जलजमाव बीज के अंकुरण और पौधों की वृद्धि के लिए हानिकारक है। इसलिए खेत में जल निकासी की उचित व्यवस्था करें।
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