खेती में प्रयोग होने वाली दवाओं को कंपनियां हमेशा एकड़ के हिसाब से ही इसलिए बनाती हैं क्योंकि ये दवाएं पौधों को स्वस्थ रखने और फसलों की पैदावार बढ़ाने के लिए इस्तेमाल की जाती हैं। इन दवाओं की मात्रा खेत के आकार और फसल की प्रजाति के आधार पर निर्धारित की जाती है। एकड़ के हिसाब से दवाएं बेचने से किसानों को अपनी फसलों की आवश्यकता के अनुसार दवाएं खरीदने में आसानी होती है।
इसके अलावा, एकड़ के हिसाब से दवाएं बेचने से दवा कंपनियों को अपने उत्पादन और बिक्री को आसानी से प्रबंधित करने में मदद मिलती है। इससे उन्हें लागत कम करने और अधिक मुनाफा कमाने में मदद मिलती है। यहां कुछ विशिष्ट कारण दिए गए हैं कि खेती में प्रयोग होने वाली दवाओं को कंपनियां हमेशा एकड़ के हिसाब से ही क्यों बनाती हैं:
दवाओं की मात्रा की आवश्यकता: खेती में प्रयोग होने वाली दवाओं की मात्रा खेत के आकार और फसल की प्रजाति के आधार पर निर्धारित की जाती है। एकड़ के हिसाब से दवाएं बेचने से किसानों को अपनी फसलों की आवश्यकता के अनुसार दवाएं खरीदने में आसानी होती है।
दवा कंपनियों के लिए सुविधाजनक: एकड़ के हिसाब से दवाएं बेचने से दवा कंपनियों को अपने उत्पादन और बिक्री को आसानी से प्रबंधित करने में मदद मिलती है। इससे उन्हें लागत कम करने और अधिक मुनाफा कमाने में मदद मिलती है।
ग्राहक के लिए सुविधाजनक: एकड़ के हिसाब से दवाएं बेचने से किसानों को अपनी फसलों की आवश्यकता के अनुसार दवाएं खरीदने में आसानी होती है। इससे किसानों को दवाओं की मात्रा को मापने और सही मात्रा में दवाओं का उपयोग करने में मदद मिलती है।
हालांकि, कुछ लोग एकड़ के हिसाब से दवाएं बेचने की प्रणाली से असहमत हैं। उनका तर्क है कि इससे किसानों को दवाओं की मात्रा को सही ढंग से मापने में मुश्किल होती है। इसके अलावा, एकड़ के हिसाब से दवाएं बेचने से किसानों को अधिक दवाएं खरीदने के लिए मजबूर किया जा सकता है।
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