हरियाणा सरकार ने आलू उत्पादक किसानों को भावांतर भरपाई योजना का लाभ देने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहां कि राज्य सरकार किसानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है और उनकी हर संभव सहायता करेगी। सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि किसानों को पिछले साल 2023-24 की बकाया राशि 46.34 करोड़ रुपए का भुगतान किया जा चुका है।
सरकार ने किसानों को सलाह दी है कि अगर बाजार में आलू के भाव कम मिल रहे हैं तो वे अपनी फसल को कोल्ड स्टोरेज में सुरक्षित रख सकते हैं। गौरतलब है कि हरियाणा सरकार ने प्रदेश के किसानों को मंडी भाव में गिरावट से होने वाले नुकसान से बचाने के लिए भावांतर भरपाई योजना लागू की थी।
इस योजना में 21 बागवानी फसलें शामिल की गई हैं, जिनमें 5 फल फसलें, 14 सब्जी फसलें और 2 मसाला फसलें शामिल हैं। इस योजना के तहत मंडी में बिक्री के समय अगर किसी फसल का मूल्य संरक्षित मूल्य से कम होता है, तो सरकार किसानों को अंतर की भरपाई प्रोत्साहन राशि के रूप में देती है।
इस योजना की शुरुआत से लेकर अब तक 3,15,614 किसानों ने 7,02,220 एकड़ फसल का पंजीकरण करवाया है। उनमें से 24,385 किसानों को 110 करोड़ रुपए से ज्यादा की सहायता राशि प्रदान की गई है। इस योजना का लाभ लेने के लिए किसान को मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर पंजीकरण करना अनिवार्य है। भूमि मालिकों के साथ-साथ पट्टेदार ओर किराएदार भी इस योजना का लाभ उठा सकते हैं।
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