हाथरस का आलू अब मलेशिया समेत खाड़ी देशों के बाजारों में भी अपनी पहचान बनाएगा। अप्रैल के पहले सप्ताह में 100 टन आलू मलेशिया निर्यात करने की तैयारी पूरी कर ली गई है। इस निर्यात से स्थानीय बाजार में आलू की कीमतें मजबूत बनी रहने की उम्मीद है।
रबी सीजन के दौरान हाथरस जिले के किसान मुख्य रूप से आलू की खेती करते हैं। इस साल जिले में लगभग 51 हजार हैक्टेयर में आलू का उत्पादन हुआ है। फिलहाल 98 प्रतिशत से ज्यादा फसल की खुदाई पूरी हो चुकी है, जबकि किसानों ने बेहतर कीमत की उम्मीद में बड़ी मात्रा में आलू कोल्ड स्टोरेज में भंडारित कर रखा है।
शीतगृहों की स्थिति पर नजर डालें तो अब तक लगभग 80 प्रतिशत शीतगृह भरे जा चुके हैं, जबकि 98 प्रतिशत से अधिक आलू की खुदाई पूरी हो चुकी है। किसानों को उम्मीद है कि जब शीतगृह खुलेंगे तो बाजार में आलू की कीमतें बेहतर रहेंगी।
जिले के आलू को अंतरराष्ट्रीय बाजार में पहचान दिलाने के लिए उद्यान विभाग सक्रिय हुआ है। मलेशिया के अलावा दुबई सहित अन्य खाड़ी देशों में भी इस साल हाथरस के आलू के निर्यात की संभावनाएं प्रबल हैं। विभागीय अधिकारियों के अनुसार विदेशी बाजारों में मांग बढ़ने से किसानों को उनकी उपज का बेहतर मूल्य मिलेगा।
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