गुजरात सरकार ने राज्य में अरहर दाल की खरीद अवधि को 30 अप्रैल तक बढ़ाने का निर्णय लिया है। प्रदेश के कृषि मंत्री राघवजी पटेल ने कहां कि यह निर्णय किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य का पूरा लाभ दिलाने के उद्देश्य से लिया गया है, ताकि कोई भी किसान उचित मूल्य पर अपनी उपज बेचने से वंचित न रहे।
गुजरात में इस साल अरहर की बुआई और उत्पादन अच्छा रहा है। केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान के तहत अरहर का न्यूनतम समर्थन मूल्य 7,550 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया था। इस आकर्षक मूल्य से प्रोत्साहित होकर 1.23 लाख से अधिक किसानों ने न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसल बेचने के लिए पंजीकरण कराया।
प्रदेश सरकार ने 24 फरवरी को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर अरहर की खरीद प्रक्रिया शुरू की थी। अब तक 58.300 किसान इस योजना का लाभ उठा चुके हैं और 1.11 लाख टन अरहर की खरीद हो चुकी है। इस खरीद प्रक्रिया पर सरकार ने 841 करोड़ रुपए से अधिक खर्च किए हैं।
मंत्री राघवजी पटेल ने स्पष्ट किया कि जो किसान पहले ही पंजीकरण करा चुके हैं, लेकिन अब तक अपनी उपज नहीं बेच पाए हैं, वे 30 अप्रैल तक अपनी बिक्री पूरी कर सकते हैं। इस विस्तार से सभी पात्र किसानों को सरकारी खरीद का पूरा लाभ मिलेगा और किसी को भी उचित मूल्य से वंचित नहीं होना पड़ेगा।
केंद्र सरकार ने दालों के घरेलू उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए मूल्य समर्थन योजना के तहत अरहर, उड़द और मसूर दाल की खरीद सीमा हटा दी है। इससे अब किसानों को 2024-25 के दौरान न्यूनतम समर्थन मूल्य पर अपनी पूरी फसल बेचने की गारंटी मिल गई है। साथ ही, घरेलू आपूर्ति बढ़ाने के लिए अरहर, उड़द और मसूर के शुल्क मुक्त आयात को भी मंजूरी दी गई है।
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